छत्तीसगढ़ सरकार विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है., लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है,
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बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक मुख्यालय में 50 साल से अधिक पुराने सामुदायिक अस्पताल तिरपाल के भरोसे हैं, बारिश के समय में छत से पानी टपकने के कारण मरीजों सहित डॉक्टरों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों तक की चिंता बढ़ने लगी है कि आखिर यहां काम कैसे करे..छत्तीसगढ़ सरकार विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है., लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक मुख्यालय में 50 साल से अधिक पुराने सामुदायिक अस्पताल तिरपाल के भरोसे हैं, बारिश के समय में छत से पानी टपकने के कारण मरीजों सहित डॉक्टरों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों तक की चिंता बढ़ने लगी है कि आखिर यहां काम कैसे करे..
कई स्थानों का प्लास्टर उखड़ गया है, छत कमजोर होने से खपरैल भी गिरता है, भवन में जगह-जगह सीलन पड़ रही है, भवन तरह कमजोर है कि उपर से सूर्य की रोशनी सीधे कमरे में नजर आती है..... आलम यह है कि भवन की दीवारें इतनी कमजोर हो गई है कि कभी भी गिर सकती है.....
इस 30 बिस्तर सामुदायिक अस्पताल पर गुरुर ब्लॉक के सवा लाख से अधिक लोग निर्भर है... इसी अस्पताल से 421 मितानिनों को दवाई की सप्लाई भी होती है... इसी अस्पताल में मुख्य दवाई का भंडारण केंद्र भी है....