बोलता गांव डेस्क।।
विद्युत् संविदा कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 38 दिनों से हड़ताल पर हैं। जिसके तहत आज विद्युत् संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह की शुरुआत की जल सत्याग्रह करने के लिए संविदा कर्मचारी बूढ़ा तालाब में उतर गए। इस दौरान तीन कर्मचारियों की तबियत बिगड़ने के कारण मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
विद्युत् संविदा कर्मचारियों ने बताया कि जल सत्याग्रह के दौरान सत्याग्रहियों को गहराई का सहीं अंदाजा नहीं हो पाया और वे डुबने लगे। किसी तरह उन्हें बाहर निकाला गया। डूबने के दौरान उनके पेट में गंदा पानी चले जाने के कारण उन्हें उल्टी होने लगी। इसके बाद उन्हें मेकाहारा अस्पताल में भर्ती इलाज के लिए भर्ती किया गया। इन सत्याग्रहियों के नाम तपन पैंकरा, आकाश सिदार और मौसा शुभम हैं।
बता दें इससे पहले भी संविदा कर्मचारी सरकार और पावर कंपनी प्रबंधन का आकर्षण पाने के लिए अब तक हवन, यज्ञ, अर्धनग्न प्रदर्शन, मुख्यमंत्री निवास घेराव, विधानसभा घेराव, कफन ओढ़कर प्रदर्शन जैसे तमाम तरह के आयोजन कर चुके हैं। इसके बाद भी विद्युत् संविदा कर्मचारियों की मांगों पर अब तक कोई भी सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है। इसी तारतम्य में आज जल सत्याग्रह किया गया।
ये हैं विद्युत् संविदा कर्मचारियों की मांगें
विद्युत् संविदा कर्मचारियों की हड़तील 10 मार्च से अनिश्चितकालीन के लिए जारी है। संविदा कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांगें हैं जो इस प्रकार हैं।
विद्युत विभाग के खाली पड़े पदों पर कंपनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति की जाए।
विद्युत दुर्घटना में शहीद हुए संविदा कर्मियों के परिजनों को विभीग में अनुकंपा नियुक्ति मिले।
बता दें विभाग में संविदा कर्मी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या पूरे प्रदेश में लगभग 2500 है। अब तक प्रदेश के 25 संविदा कर्मचारियों की काम करने के दौरान करंट लगने से मौत हो चुकी है। इनमें से कई के परिजनों को अब तक मुआवजे की राशि भी नहीं मिल पाई है।