बोलता गांव डेस्क।।
शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा कर दिया था कि यूपी में भाजपा की जीत में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का रोल है। हालांकि, वन इंडिया ने चुनाव आयोग के आंकड़ों का जो विश्लेषण किया है, उसमें उनके दावों में झोल नजर आ रहा है।
लेकिन, यह बात सही है कि अगर एआईएमआईएम यूपी चुनाव में करीब 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारती तो सपा और उसके सहयोगियों के विधायकों की संख्या अच्छी-खासी बढ़ सकती थी और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के एमएलए की तादत कुछ और कम सकती थी। आइए जानते वह कौन सी सीटें हैं, जहां पर ओवैसी की पार्टी ने अखिलेश यादव की साइकिल की टायर पंक्चर कर दी है।
ओवैसी की पार्टी ने कई सीटों पर साइकिल को किया पंक्चर
हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में 95 सीटों पर इसबार अपने उम्मीदवार उतारे थे। उन्होंने एक गठबंधन भी किया था। अगर प्रदेश में हुए चुनाव की ओवरऑल बात करें तो ओवैसी को काफी निराशा हाथ लगी है और उनकी पार्टो को सिर्फ 0.49% वोट मिले हैं, जो कि नोटा से भी कम हैं। हालांकि, 15.02 करोड़ वोटरों वाले देश के सबसे बड़े सूबे में फिर भी उनके प्रत्याशियों को 4.51 लाख वोट मिल गए। लेकिन, चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में पार्टी का सिर्फ एक उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा पाया, बाकी तो पूरी तरह से उनके दल की लुटिया ही डूब गई। लेकिन, इस डूबी हुई लुटिया के बावजूद ओवैसी की वजह से समाजवादी पार्टी की कई सीटों पर साइकिल पंक्चर हो गई है।