अंधेरे में बच्चों का भविष्य : शिक्षक की कमी से जूझते छात्र, स्कूल जाने से किया मना, ग्रामीणों ने जड़ा ताला… Featured

बोलता गांव डेस्क।। बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रदेश स्तर पर अनेकों योजना लागू की गई है. वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा इसी साल स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी खोला गया है, जिससे गरीब परिवार के बच्चों को भी अंग्रेजी में बेहतर शिक्षा प्राप्त हो रही है. हालांकि जब हम हिंदी मीडियम स्कूल की बात करते हैं तो कहीं न कहीं कमियां मिल ही जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां बच्चे शिक्षक की कमी की समस्या जूझ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ दिया है.

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बता दें कि, विकासखंड कोयलीबेड़ा के पानावार संकुल अंतर्गत ग्राम दुर्गापुर (पीवी 97) स्कूल की है, जहां मिडिल स्कूल 6वीं से 8वीं तक कुल 67 बच्चों का नाम दर्ज है. दुर्गापुर (पीवी 97) स्कूल के बच्चे शिक्षक की कमी की समस्या जूझ रहे हैं, जिससे बच्चों का भविष्य अधर में है. वहीं, स्कूल में शिक्षक की कमी की वजह से अब छात्रों ने भी स्कूल जाने से मना कर दिया है. जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने स्कूल में ताला जड़ दिया है.

 

जानकारी के अनुसार, स्कूल में सिर्फ दो शिक्षक हैं, लेकिन एक शिक्षक संकुल समन्वयक(lb) के पद पर होने के चलते बच्चों को ठीक से पढ़ाने के लिए समय नहीं दे पाते हैं. जब समय मिलता है तो उस वक्त स्कूल आकर बच्चों को पढ़ाते हैं. वहीं दूसरा शिक्षक सोहित कुमार नायक जो कि लकवाग्रस्त है. फिर भी बच्चों को पढ़ाते हैं, हालांकि बच्चों को उनके द्वारा बोले गए शब्द समझ में नहीं आते हैं.

 

हालांकि, ग्रामीणों ने इस समस्या की शिकायत कलेक्टर से की थी, लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला तो गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल के मेंन गेट में ताला लगा दिया. साथ ही सभी बच्चों ने मिलकर कहा कि, हम लोग और स्कूल नही आएंगे, जिस दिन हमारे स्कूल में नए शिक्षक पदस्थ होंगे, उस दिन हम लोग स्कूल आएंगे.

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