आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने बॉडी पोश्चर पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। दिनभर कुर्सी पर बैठे रहना, सीधा न खड़ा होने, जैसी गलतियां हमारा पोश्चर बिगाड़ देती हैं। गलत पोश्चर कई शारीरिक समस्याओं, जैसे- कमर दर्द, गर्दन दर्द और जोड़ों की समस्या का कारण बन सकता है। बॉडी पोश्चर सुधारने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में योग काफी मददगार साबित हो सकता है। यहां हम 5 योगासन बता रहे हैं, जो आपके बॉडी पोश्चर को सुधारने में मदद करेंगे।
ताड़ासन
ताड़ासन योग का आधार माना जाता है। यह आसन शरीर को संतुलित करने और पोश्चर सुधारने में मदद करता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को आपस में मिला लें। हाथों को शरीर के बगल में रखें और कंधों को ढीला छोड़ दें। सिर को सीधा रखें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचें। इस पोजिशन में कुछ सेकंड रुकें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। ताड़ासन रीढ़ की हड्डी को सीधा करने और शरीर के बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को फ्लेक्सिबल बनाने और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है। इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के नीचे रखें। सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं। कुछ सेकंड इसी अवस्था में रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं। यह आसन पीठ दर्द से राहत दिलाता है और शरीर के पोश्चर को सुधारता है।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और एक पैर को आगे की ओर ले जाएं। दूसरे पैर को पीछे की ओर खींचें और हाथों को ऊपर की ओर सीधा करें। इस पोजिशन में कुछ सेकंड रुकें और फिर दूसरे पैर से इसे दोहराएं। यह आसन कंधों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने और पीठ के निचले हिस्से को सपोर्ट देने में मदद करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़कर पैरों को जमीन पर रखें। हाथों को शरीर के बगल में रखें और सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं। कुछ सेकंड इसी अवस्था में रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं। यह आसन पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
मार्जरीआसन
मार्जरीआसन रीढ़ की हड्डी को फ्लेक्सिबल बनाने और पोश्चर सुधारने में मदद करता है। इसे करने के लिए घुटनों और हाथों के बल आ जाएं। सांस लेते हुए रीढ़ को नीचे की ओर झुकाएं और सिर को ऊपर उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए रीढ़ को ऊपर की ओर उठाएं और सिर को नीचे झुकाएं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है।