जुकरबर्ग का मास्टरस्ट्रोक! AI की दुनिया में तहलका मचाने की तैयारी, 65 बिलियन डॉलर का करेंगे निवेश

फेसबुक और व्हाट्सएप की पेरेंट कंपनी Meta आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नंबर 1 बनना चाहती है. इसको लेकर कंपनी लगातार कोशिश भी कर रही है. अब मेटा के सीईओ Mark Zuckerberg ने ऐलान किया है कि कंपनी एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए 65 बिलियन डॉलर तक खर्च करने की योजना बना रही है. कंपनी का लक्ष्य गूगल और OpenAI जैसी कंपनियों से आगे निकलना है.

 

AI इंफ्रास्क्रक्चर को करेगी मजबूत 
Meta अपने AI इंफ्रास्क्रक्चर को मजबूत करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को AI से जुड़े कामों पर रखेगी और 2 गीगावाट से ज्यादा बिजली की खपत करने वाला एक बहुत बड़ा डेटा सेंटर बनाएगी. यह डेटा सेंटर इतना बड़ा होगा कि न्यूयॉर्क शहर के मैनहट्टन इलाके के एक बड़े हिस्से को कवर कर सकेगा. 

कंपनी का लक्ष्य इस साल के अंत तक 1.3 मिलियन से ज्यादा ग्राफिक्स प्रोसेसर (GPU) बनाना है. साथ ही कंपनी साल 2025 में करीब 1 गीगावाट कंप्यूटिंग पावर ऑनलाइन लाने की योजना बना रही है. Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि "यह AI के लिए एक महत्वपूर्ण साल होगा. यह बहुत बड़ा काम है और आने वाले सालों में यह हमारी कंपनी के प्रोडक्ट्स और बिजनेस को आगे बढ़ाएगा." OpenAI के चैटबॉट ChatGPT की सफलता के बाद से बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां AI इंफ्रास्क्रक्चर को डेवलप करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं.

 

टेक कंपनियां कर रहीं निवेश
Meta के इस ऐलान के कुछ ही दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था कि OpenAI, SoftBank और Oracle मिलकर एक नया संगठन बनाएंगे जिसका नाम Stargate होगा. यह संगठन अमेरिका में एआई इंफ्रास्क्रक्चर बनाने के लिए 500 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा. अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भी डाटा सेंटर बनाने में अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं. 

 

मेटा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में पहले से ही काम कर रही है. कंपनी का अपना AI चैटबॉट है. साथ ही कंपनी ने Ray-Ban स्मार्ट ग्लास भी बनाया है. कंपनी का कहना है कि साल 2025 तक उनके AI असिस्टेंट को एक बिलियन से ज्यादा लोग इस्तेमाल करेंगे. पिछले साल कंपनी के एआई असिस्टेंट के करीब 600 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स थे. 

 

मेटा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में पहले से ही काम कर रही है. कंपनी का अपना AI चैटबॉट है. साथ ही कंपनी ने Ray-Ban स्मार्ट ग्लास भी बनाया है. कंपनी का कहना है कि साल 2025 तक उनके AI असिस्टेंट को एक बिलियन से ज्यादा लोग इस्तेमाल करेंगे. पिछले साल कंपनी के एआई असिस्टेंट के करीब 600 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स थे. 

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Last modified on Saturday, 25 January 2025 16:03

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