बोलता गांव डेस्क।। (कोपरा)
प्रेम के प्रतीक गुलाब फूल की वैलेंटाइन डे समेत शादी व अन्य सीजनों में काफी मांग रहता है। इसको देखते हुए क्षेत्र के ग्राम रावड़ में एक किसान द्वारा गुलाब फूल की खेती की जा रही हैं। जिसमे धान व अन्य फसल की अपेक्षा ज्यादा आमदनी का स्रोत साबित हो सकता है। फिलहाल 16 डिसमिल में लगाया गया गुलाब के खेत से गुलाब की खुशबू आना शुरू हो गया है।
ग्राम रावड़ के किसान सुदेश देवांगन अपने घर से लगे बाड़ी के छोटे से हिस्से 16 डिसमिल जमीन पर 7 माह पूर्व जून में पुणे से हाइब्रिड गुलाब फूल के 10 हजार पौधे 1 लाख 25 हजार रुपये में मंगाकर लगाया गया। जिसमें अब दिसंबर माह के पहले सप्ताह से फूल लगना शुरू हो गया है। इस हाइब्रिड किस्म के गुलाब फूल का सप्ताह में दो बार तोड़ाई जाता है। जो फरवरी के दूसरे सप्ताह वैलेंटाइन डे के एक दिन पूर्व तक 7 बार तोड़ाई किया जा चुका है। जो लगभग 30 हजार रुपये कमाई हो चुकी हैं।
बताया गया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में जो गुलाब फूल की पहली तोड़ाई हुआ उसमे 5 बण्डल यानी 100 फूल निकले जिसे थोक कीमत पर नवापारा व गरियाबंद के फूल दुकान में प्रति बण्डल 120 रुपये में बिक्री किया गया। वही वैलेंटाइन डे के एक दिन पूर्व तोड़ा गया गुलाब 20 बण्डल तोड़ा गया। यानी बण्डल में 20 नग के हिसाब से 400 फूल तोड़ा गया। जिसे 300 रुपये बण्डल के हिसाब से थोक में नवापारा के फूल दुकानदार को बिक्री किया गया। यानी सीधा सीधा गुलाब फूल का उत्पादन बढ़ते क्रम में है। किसान सुदेश देवांगन ने बताया कि गुलाब फूल के उत्पादन के लिए पुणे से हाइब्रिड 10 हजार के पौधे मंगाकर जून माह में रोपनी किया गया। जिसमे अब पौधा खरीदी सहित अब तक 1 लाख 50 हजार लागत आ चुका है। जिसमे दिसंबर माह के पहले सप्ताह से तोड़ाई शुरू हुआ है। जिसमे अब तक लगभग 30 हजार कमाई हो चुका है। यह गुलाब फूल की फसल 4 साल का होता है।
एक से डेढ़ माह में 30 हजार आय हो गया है तो उम्मीद है कि लागत को छोड़कर 4 साल के फसल में ढ़ाई से तीन लाख की कमाई हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह गुलाब फूल की फसल को ट्रायल के तौर पर लगाया गया है। अभी जिस हिसाब से गुलाब फूल की फसल से आय शुरू हुआ है। उसके मुताबिक तो 4 सालों में अच्छा खासा आय होने का उम्मीद है। वही गुलाब की फूल जल्दी न खिले और सभी फूल एक साथ खिले इसके लिए गुलाब फूल के कलियों में के कवर लगाकर खिलने से रोककर रखा जाता है।
फसल का रखरखाव है जरूरी-
किसान सुदेश देवांगन ने बताया कि पौधे के ग्रोथ के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद, जैविक दवाई सहित 15 दिन में एक बार गुलाब के पौधों व फूल को कीटो से बचाने आर्गनिक कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। इस फसल को बड़े रकबे में लिया जाय तो प्रति एकड़ 4 साल के इस फसल में पौधों के रखरखाव सहित पौधे खरीदी सहित कुल खर्च लगभग 5 लाख खर्च होगा। वही इन 4 सालों में लागत काटकर 5 से 6 लाख तक आमदनी हो सकता है।