बिलासपुर। शेयर मार्केट में नए-नए ट्रेडिंग करने वालों का नंबर 10 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से खरीदकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को रेंज साइबर पुलिस की टीम ने गुजरात के मेहसाणा जिले से गिरफ्तार किया है।
आरोपी डेटाबेस कंपनी से तीन श्रेणियों में लाेगों के नंबर खरीदते थे। जिनसे ठगी करने की गुंजाइश ज्यादा रहती थी, उनके नंबर की कीमत 10 रुपए होती थी। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया है। उसके साथियों की तलाश की जा रही है, जिनकी पहचान मीतुल और गजेंद्र के रूप में हुई है।
41 लाख की धोखाधड़ी के बाद ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस
- रेंज साइबर थाना के नोडल अधिकारी आईपीएस व कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद सबाद्रा ने बताया कि धरमजयगढ़ के नीचेपारा में रहने वाले आनंद अग्रवाल (45) ने धोखाधड़ी की शिकायत की है।
- पीड़ित ने बताया कि शेयर मार्केट में ज्यादा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 3 करोड़ 48 लाख रुपये का निवेश कराया गया। इसके बाद उनसे 41 लाख की धोखाधड़ी कर ली गई।
- शिकायत पर रेंज साइबर थाने में जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया गया। जांच के दौरान पुलिस की टीम ने धोखाधड़ी में उपयोग किए मोबाइल नंबर, बैंक खाते और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी ली गई।
- पुलिस को पता चला कि आरोपी गुजरात के अलग-अलग शहरों के हैं। पुलिस की टीम ने आरोपी चिराग ठाकोर (21) निवासी ठाकोर वास, मंडाली थाना खैरालू जिला मेहसाणा गुजरात को पकड़ लिया।
- पूछताछ में पता चला है कि आरोपित प्रीमियम बल्क डेटा वेबसाइड से शेयर ट्रेडिंग करने वालों का नंबर खरीदते थे। पूछताछ के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया है।
जहां ठगी के ज्यादा चांस, उनके नंबर ज्यादा कीमती
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ठगी करने वाले ऑनलाइन वेबसाइट से शेयर ट्रेडिंग करने वालों का नंबर खरीदते थे। वेबसाइड पर तीन श्रेणियों में नंबर उपलब्ध कराया जाता है। जिन लोगों ने हाल में ट्रेडिंग करना शुरू किया है, उनका नंबर 10 रुपये प्रति नंबर के हिसाब से उपलब्ध हाेता है।
दूसरे श्रेणी में उन लोगों को रखा गया है, जो कुछ महीनों से ट्रेडिंग कर हैं। उनके प्रति नंबर को पांच रुपये के हिसाब से उपलब्ध कराया गया। तीसरे श्रेणी में लंबे समय से ट्रेडिंग करने वालों को रखा गया। उनका नंबर एक रुपये में उपलब्ध कराया गया।
हाल में ट्रेडिंग शुरू करने वालों को शेयर मार्केट से अनजान मानते हुए ठगी करने वालों को रुपये मिलने की उम्मीद रहती है। इसके कारण ऐसे लोगों का नंबर ज्यादा रुपये देकर खरीदा गया। इनके फंसने के चांस भी अधिक होते हैं।
ऐसे बचें जालसाजों से
- शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देने वाले अनजान कॉल से सावधान रहें। अनजान लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में न जुडे़ और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा करें।
- अनजान नम्बर से अपने आप को कस्टम विभाग, पुलिस अधिकारी, सीबीआई अथवा ईडी का अधिकारी बताकर बताकर ठगी करने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों की जानकारी तत्काल स्थानीय पुलिस को देकर 1930 में शिकायत करें।
- पार्सल कैंसिल हो गया है। पार्सल में एटीएम कार्ड, ड्रग्स मिला है जिसे कस्टम विभाग द्वारा जब्त किया गया है… कहकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी किया जा रहा है। इस प्रकार के ठगी से सावधान रहें।
- पार्सल के नाम पर मोबाइल नंबर पर कॉल करने कहा जाता है। इससे कस्टमर का कॉल फारवर्ड एक्टिवेट हो जाता है और काल तथा मैसेज की जानकारी ठगों के पास चली जाती है। इस प्रकार के काल से सावधान रहे।
- किसी भी लुभावने या सस्ती कीमतों पर मिलने वालों सामानों को खरीदते समय नगद, कैश, ऑन डिलीवरी में लेन-देन करें।
- अनजान व्यक्ति जिसका नंबर आपके मोबाइल पर सेव नही है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार ऐप डाउनलोड या सर्च करने से बचें।
- कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें। खुद को स्वयं होकर ठगों के पास न पहुंचाएं।
- स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से अश्लील लाईव चैट करने से बचें।