Chandipura Virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध 13 नए मामले आए सामने, अब तक 32 की मौत Featured

Chandipura Virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध 13 नए मामले आए सामने, अब तक 32 की मौत

Gujarat Chandipura Virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध 13 नए मामले सामने आए हैं. साथ ही पांच लोगों की मौत हो गई है. नए मामलों के साथ राज्य में अब कुल संदिग्ध मामलों की संख्या 84 हो गई है.

Gujarat Chandipura Virus Cases: गुजरात में रविवार (21 जुलाई) को चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध 13 नए मामले सामने आए हैं. साथ ही पांच लोगों की मौत हो गई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी. नए मामलों के साथ राज्य में अब कुल संदिग्ध मामलों की संख्या 84 हो गई है, जबकि मृतकों की संख्या 32 हो गई है. जानकारी के अनुसार अहमदाबाद में दो, अरावली में दो, बनासकांठा में दो, सुरेंद्रनगर में एक, गांधीनगर में एक, खेड़ा में एक, मेहसाणा में एक, नर्मदा में एत, वडोदरा में एक और राजकोट से एक नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं. 

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि संदिग्ध तौर पर चांदीपुरा वायरस के कारण हुई पांच मौतों में एक-एक महिसागर, खेड़ा और वडोदरा और दो बनासकांठा में हुईं. पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने शनिवार को गुजरात में चांदीपुरा वायरस के नौ मामलों की पुष्टि की. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि रविवार को राज्य में किसी नए मामले की पुष्टि नहीं हुई.

 

वहीं सभी संदिग्ध मामलों के सैंपल जांच के लिए एनआईवी भेजे गए हैं. गुजरात में बीचे बुधवार को चांदीपुरा वायरस से पहली मौत की सूचना मिली. इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने संभावित संक्रमण का पता लगाने और बीमारी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर दैनिक निगरानी करने के निर्देश जारी किए. बयान के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगभग 19,000 घरों में निगरानी की है और प्रभावित क्षेत्रों में 1.16 लाख घरों में पाउडर का छिड़काव किया है.

चांदीपुरा वायरस के बचाव और लक्षण

बयान के मुताबिक हर एक मामले की जांच त्वरित प्रतिक्रिया टीम द्वारा की जा रही है और लोगों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी गई है. चांदीपुरा वायरस में मरीज को फ्लू जैसे लक्षणों के साथ तेज बुखार, उल्टी, दिमाग में सूजन (ए्नसेफेलाइटिस) दौरे आ सकते हैं. तेजी से बढ़ने पर इससे दिमाग में सूजन हो सकती है, जिससे अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो कोमा या मौत हो सकती है. 

 

इस वायरस से बचाव के लिए मच्छरों जैसे कीड़ों को दूर रखना जरूरी है. इसके लिए मक्खी-मच्छर पनपने वाली जगहों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें. इसके अलावा आसपास साफ-सफाई रखने और गंदगी जमा ना होने दें. कूड़े के सही निपटान और उसे खुले में ना रखने का ध्यान रखें. शौचालय का इस्तेमाल करें और खुले में शौच ना जाएं

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