बोलता गांव डेस्क।।
LOKSABHA ELECTION : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आयी। दरअसल बीजेपी नेता और जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर ने पोलिंग बूथ पर अपने नाबालिग बच्चे से वोट कराया, साथ ही उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया साइट पर अपलोड भी किया। इस पूरे मामले पर जहां कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है तो वहीं बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है।
BJP नेता पर FIR, पूरी पोलिंग पार्टी निलंबित
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह तक भी पहुंचा उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए एसडीएम को जांच के आदेश दिए, जिसके बाद एसडीएम की रिपोर्ट पर कलेक्टर ने भाजपा जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ एफआईआर करा दिया और उस मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी सहित पूरी पोलिंग पार्टी को ही निलंबित कर दिया। बीजेपी नेता विनय मेहर पर FIR दर्ज की गई है। बूथ के पीठासीन अधिकारी संदीप सैनी, उनके सहायक सीआर बाथम, मनोज कुमार मौर्य और मदन गोपाल पटेल को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं बूथ पर तैनात प्रधान आरक्षक संतोष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
विनय मेहर को निलंबित करने के आदेश
इसी दर्जन यह जानकारी भी निकलकर सामने आयी है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने आरोपी विनय मेहर को जिला पंचायत की सदस्यता से निलंबत करने का आदेश भी दे दिया है।
ग्वालियर में भी हो चुकी है FIR
बता दें कि मतदान केंद्र के अन्दर मोबाइल प्रतिबंधित रहता है इतना ही नहीं नियमानुसार मतदान केंद्र से 100 मीटर की परिधि में भी इसके प्रयोग पर पाबन्दी है, वहीं नाबालिग बच्चों को तो चुनाव में कसी भी रूप में शामिल कर नहीं सकते, ऐसे में मतदान केंद्र के अन्दर मोबाइल और बच्चे का जाना पोलिंग पार्टी और बाहर बैठे पुलिसकर्मियों की बड़ी लापरवाही है, जिसपर निश्चित एक्शन होना चाहिए। गौरतलब है कि ग्वालियर लोकसभा सीट पर भी 7 मई को दो मतदाताओं ने वोटिंग करते समय की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड की थी, जिसमें एक भाजपा नेता भी शामिल है, जानकारी सामने आते ही कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने दोनों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है।
बीजेपी ने साधी मामले पर चुप्पी
इस मामले पर बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। बीजेपी नेता रजनीश अग्रवाल जब इस मामले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा की मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। आप संबंधित व्यक्ति से बात कीजिए या चुनाव आयोग से। फिलहाल इस मामले पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है।