बोलता गांव डेस्क।।
नई दिल्ली। एक ही जिले में तीन साल से तैनात अधिकारियों की स्थानांतरण नीति में गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए नया आदेश जारी किया है।
लोकसभा चुनाव में अब कम ही वक्त बाकी रह गया। इसके चलते चुनाव आयोग तैयारियों में पूरी तरह से जुट गया है। इस बीच चुनाव आयोग ने अधिकारियों के स्थानांतरण से जुड़ी नीति में बदलाव करते हुए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आयोग ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन अधिकारियों को तीन साल पूरे करने के बाद जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है, उन्हें उसी संसदीय क्षेत्र के दूसरे जिलों में तैनात न किया जाए। आयोग ने राज्यों को अधिकारियों के स्थानांतरण पर पैनी नजर रखने की हिदायत भी दी।
शिकायतों पर चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान
चुनाव आयोग ने स्थानांतरण को लेकर यह दिशा-निर्देश ऐसे समय में दिए हैं, जब एक ही जिले में तीन साल से तैनात अधिकारियों के स्थानांतरण नीति में गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। नीति के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव से पहले अधिकारियों का स्थानांतरण तो कर दिया जाता था, लेकिन इसमें ऐसे कई मामले सामने आये थे, जब उन अधिकारियों का स्थानांतरण पड़ोस के ऐसे जिलों में कर दिया जाता था, जो एक ही लोकसभा क्षेत्र में आते थे। इससे चुनावी निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते है।
चुनाव आयोग की नीति
बता दें कि चुनाव आयोग की नीति के अनुसार, उन सभी अधिकारियों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है जो या तो अपने गृह जिले में तैनात हैं, या एक स्थान पर तीन वर्ष पूरे कर चुके हैं। इसमें वे अधिकारी शामिल हैं जो सीधे या पर्यवेक्षी क्षमता में किसी भी तरह से चुनाव कार्य से जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि चुनावों में समान अवसर में खलल डालने के खिलाफ आयोग की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में आयोग ने विभिन्न अधिकारियों के यहां तक कि राज्य में वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया था।
झारखण्ड में अनदेखी पर CEO ने सरकार को लिखी चिट्ठी
लोकसभा चुनाव के पूर्व झारखंड में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में चुनाव आयोग के निर्देशों का समुचित तरीके से अनुपालन नहीं किया गया है। यह बात आयोग के संज्ञान में आई है। जिसके बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव के. रवि कुमार ने इसे लेकर राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखी है और आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है
राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिव को लिखे पत्र में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि आयोग को पता चला है कि लोकसभा चुनाव की वजह से अफसरों की होने वाली ट्रांसफर-पोस्टिंग में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। पदाधिकारियों का ट्रांसफर एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सीमावर्ती जिले में कर दिया गया है, जो स्थानांतरण नीति की मूल भावनाओं के खिलाफ है।