Chhattisgarh MGNREGA workers : मनरेगा कार्मिकों के दिवंगत होने पर उनके आश्रितों को एक लाख रूपए का अनुकंपा अनुदान मिलेगा Featured

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्मिक की सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को एक लाख रूपए का अनुकम्पा अनुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य मनरेगा कार्यालय ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयकों (मनरेगा) को संशोधित परिपत्र जारी किया है। पूर्व में जारी परिपत्र में अनुकम्पा अनुदान को मनरेगा में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मी के स्थान पर त्रुटिवश कार्मिक एवं श्रमिक शब्द का उल्लेख कर दिया गया था।

 

राज्य मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने सभी कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा है कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी मनरेगा संचालन मार्गदर्शिका (MGNREGA Operational Guidelines-2013) में दिए गए निर्देश एवं छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में जारी परिपत्र के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यरत रहे ऐसे दिवंगत दैनिक वेतन भोगी या सीधी भर्ती से संविदा पर नियुक्त कर्मचारी (सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छोड़कर) जिनकी निरंतर दो वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी हो, उनके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को एकमुश्त राशि एक लाख रूपए "अनुकम्पा अनुदान" के रूप में दिए जाने का प्रावधान है।

 

मनरेगा आयुक्त ने संशोधित परिपत्र में कहा है कि इन निर्देशों के परिपालन में मनरेगा के अंतर्गत नियुक्त एवं दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को योजना के प्रशासनिक मद से अनुकम्पा अनुदान के रूप में एक लाख रूपए की एकमुश्त राशि का भुगतान किया जा सकता है। यह निर्देश जारी दिनांक से प्रभावशील माना जाएगा

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