बोलता गांव डेस्क।।
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्-भारतीय चारागाह अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय अनुसन्धान केंद्र, श्रीनगर, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना, वर्ल्ड बैंक, नयी दिल्ली, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची तथा राष्ट्रीय कृषि डेवलपमेंट कोआपरेटिव लिमिटेड, बारामुल्ला के संयुक्त तत्वावधान में तृतीय तीन दिवसीव अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस (27 से 30 सितम्बर 2022) एडवांसेज इन एग्रीकल्चरल एनिमल हसबेंडरी एण्ड अलाइड साइंसेज फॉर इम्प्रोविंग लाइवलीहुड एंड एनवायर्नमेंटल सिक्योरिटी का आयोजन किया गया था, जिसके उद्घाटन सत्र में डॉक्टर एम पी ठाकुर, डीन, रेवेंद्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र बेमेतरा को मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथि द्वारा कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के गाँधी भवन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
महेश प्रसाद ठाकुर एक अकेले वैज्ञानिक है जिन्हे 350 आवेदकों में चयनित कर उपरोक्त सम्मान से सम्मानित किया गया है। ज्ञात होवे की डॉक्टर एम पी ठाकुर को भारत वर्ष एवं विदेशों में अनेको सोसाइटीज द्वारा दर्जनों अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है।
डॉक्टर ठाकुर के दीर्घकालिक अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें तृतीय तीन दिवसीव अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के समापन समारोह (30 अक्टूबर 2020) में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। डॉक्टर ठाकुर मध्य प्रदेश के मूल निवासी है तथा इनकी उच्च शिक्षा स्नातक (मानद) कृषि, स्नातकोत्तर (मानद), पौध रोग तथा डॉक्टरेट की उपाधि, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर (मध्य प्रदेश) से प्राप्त हुई है।
वे पौध रोग विज्ञान, भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान की इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी, नयी दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है एवं उनकी अध्यक्षता में 2020 में इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नयी दिल्ली द्वारा सातवीं अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा चूका है। डॉक्टर एम पी ठाकुर इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी, नयी दिल्ली के सेंट्रल जोन के ज़ोनल अध्यक्ष भी रह चुके है।
डॉक्टर ठाकुर एक ख्याति प्राप्त मशरुम वैज्ञानिक है, जिनके द्वारा मशरुम पर अनेक अनेक पुस्तकें प्रकाशित की गयी है एवं इन्होने अंतर्राष्ट्रीय/एशियाई/राष्ट्रीय स्तर के दर्जनों सम्मेलनों में 120 से ज्यादा लीड/आमंत्रित शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके है। डॉक्टर ठाकुर मेक्सिको, चीन, थाईलैंड तथा सिंगापुर दवारा आयोजित अनेक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में लीड/आमंत्रित शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके है। इन्होने युवाओं, महिलाओ, उदमियों के लिये मशरुम पर दर्जनों राष्ट्रीय/स्टेट लेवल प्रशिक्षण आयोजित कर लगभग 8500 लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया है। वे छत्तीसगढ़ राज्य में मशरुम मैन के नाम से भी जाने जाते हैं।