बोलता गांव डेस्क।।
छत्तीसगढ़ में अलग अलग किस्मों और गुणवत्ताओं के धान पाए जाते हैं। इनमे से कुछ तो बेहद ही दुर्लभ होते हैं। अब कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से इनकी जानकारी को डिजिटल कर सहेजा जा रहा है।
प्रदेश में धान की अलग-अलग किस्मों के जर्मप्लाज्म की जानकारी को डिजिटल रूप में लाने के लिए इनकी बारकोडिंग शुरू हो चुकी है। इस जानकारी को एकत्रित करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश में धान के 23 हजार 250 जर्मप्लाज्म उपलब्ध हैं। अब तक इसमें से 17 हजार जर्मप्लाज्म की बारकोडिंग हो चुकी है। अब तक एकत्रित जर्मप्लाज्म में 34 तरह गुणधर्म बताए जा रहे हैं।