बोलता गांव डेस्क।।
बदलते मौसम के बीच किसानों को अक्सर अपनी फसलों की बर्बादी का डर रहता है। लेकिन कृषि क्षेत्र के नए शोध और आविष्कारों ने इस खतरे को काफी हद तक कम कर दिया है। वहीं वैज्ञानिकों के नए प्रयोग से किसानों को अब और अधिक आसानी होगी। नवीनतम तकनीकि से लैस रोबोट अब किसानों की टेंशन को खत्म करेगा।
दरअसल, इस तकनीकि को गूगल लैब में विकसित किया गया है। यह रोबोट एक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टूल्स पर आधारिता है जो फसलों के उत्पादन की जटिलता से निपटने में सहायता करेगा। इससे पहले इसे कैलिफोर्निया में स्ट्रॉबेरी के खेतों और इलिनोइस में सोयाबीन के खेतों का विश्लेषण करने के लिए प्रयोग किया जा चुका है। इससे फसलों की उत्पादन क्षमता पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
किसान फसलों को पानी, पोषक तत्वों की मात्रा, फसलों को उर्वरक देने का समय संबंधी सभी डेटा किसानों को रोबोट के जरिए दिया जा सकेगा। यह फसलों की गणना करने में भी सक्षम होगा। खनिज स्ट्रॉबेरी, मटर, जामुन की संख्या की गणना कर सकते हैं, अंकुरित से लेकर फसल तक, फसलों का विश्लेषण करने और पैदावार की भविष्यवाणी करने में सहायक होगा। इसके अलावा यह किसी दिए गए भूखंड पर बैक्टीरिया की उपस्थिति या उसके अवांछनीय प्रभावों का भी पता लगा सकता है ताकि किसान समस्या को और फैलने से रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई कर सके।