बोलता गांव डेस्क।।
सरसों की खेती करके नवागांव के रामेश्वर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं। जिले के पेंड्रा विकासखंड के ग्राम नवागांव निवासी किसान रामेश्वर ने बताया कि उनके पास खेती योग्य कुल भूमि 11 एकड़ है। जिसमें उनके द्वारा रबी के मौसम में विगत कई वर्षों से 6 एकड़ मे गेहूं की खेती की जा रही थी। जिससे उन्हें 5.6 क्विंटल प्रति एकड़ उपज प्राप्त होती थी और गेहूं की खेती से उन्हें लागत भी ज्यादा आती थी।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें जानकारी प्राप्त हुई की सरसों की खेती में कम लागत से अधिक उपज प्राप्त होती है तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री एस. के. कवर के माध्यम से बीज ग्राम योजना के तहत किसान रामेश्वर को सरसों बीज किस्म छत्तीसगढ़ सरसों प्रमाणित बीज 50% अनुदान पर उपलब्ध कराया गया।
जिससे किसान द्वारा अपने 1 एकड़ भूमि में सरसों की खेती की गई। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा खेत में अपने घर का वर्मी कंपोस्ट तथा कंपोस्ट खाद का उपयोग किया गया, जबकि पहले गेहूं की खेती के लिए रासायनिक खाद खरीदना पड़ता था जिससे लागत भी अधिक आती थी।
उन्होंने बताया कि एक एकड़ भूमि में सरसों की खेती के लिए उन्हें मात्र 3000 रुपए लागत आई और उन्हें एक एकड़ मे खेती से 3 क्विंटल सरसों प्राप्त हुआ। इस प्रकार लागत मूल्य हटाकर उन्हें 15000 रुपए की शुद्ध आय प्राप्त हुई। उन्होंने अन्य किसानों से भी अनुरोध किया है कि तेल के मिलावट से होने वाले विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए अपने घरों में तिलहन की खेती जरूर करें, जिससे स्वास्थ्य व आर्थिक लाभ मिल सके तथा भूमि की उर्वरक क्षमता भी अच्छी बनी रहे।