पेशेवर तरीके से मछली पालन कर महिलाओं ने चुना उन्नति का पथ Featured

बोलता गांव डेस्क।।

सरगुजा जिले की स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने हुनर और आजीविका गतिविधियों को मजबूत करने की जुनून के बल पर लगातार नवाचार करते हुए सफलता के पथ पर आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में ग्राम केराकछार की प्रिया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मछली पालन में अधिक लाभ की संभावना को देखते हुए इसे बड़े पैमाने पर शुरू करने की ठानी।

 

उन्होंने केराकछार बांध में मछली पालन के लिए “सुधा मछली उत्पादक समूह“ का गठन कर इसे पेशेवर कलेवर दिया। इस वर्ष महिलाओं ने पहली बार बांध से मछली निकाला है जिसे बेचकर 60 हजार रुपये मुनाफा कमाया।

 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत अम्बिकापुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम केराकछार की प्रिया स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा केराकछार बांध में विगत तीन वर्षों से मछली पालन किया जा रहा है।

 

महिलाओं ने पछली पालन को व्यवसायिक रूप देने के लिए एक वर्ष पूर्व सुधा मछली उत्पादक समूह गठन कर व्यापार शुरू किया। समूह ने करीब 4 .5 एकड़ क्षेत्रफल वाले केराकछार बांध में इस वर्ष 16 हजार रुपये का मछली बीज डाला और एनआरएलएम द्वारा दिये गए प्रशिक्षण के अनुसार मछली पालन शुरू किया।

 

विगत 8 अप्रैल को पहली बार जाल डालकर करीब 8 क्विंटल मछली निकाले। मछलियों को अम्बिकापुर और सूरजपुर के व्यापारियों एवं स्थानीय बाजार में 150 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया। मछली बेचकर महिलाओं ने करीब 60 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। बांध में अब भी करीब 3-4 क्विंटल मछली शेष है जिसे निकाल कर बेचा जएगा।

 

कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में लिए गोठानों एवं स्वतंत्र समूहों को कई आयमूलक गतिविधयां से जोड़ा जा रहा है। कई ऐसे भी नवाचार है जो प्रदेश स्तर पर पहली बार जिले में शुरू हुआ है।

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