नवाचारी किसान गेंदे की खेती से बना लखपति, गेंदे की खेती कर किसान हो सकते है मालामाल Featured

बोलता गांव डेस्क। ।20DA2A23C8C19CFE5F500DA41EFF4B97

फसल चक्र परिवर्तन की बात तो सभी करते है लेकिन किसानों के लिए कौन सी फसल फायदेमंद हो सकती है इसके बारे मे कम ही लोग सोचते है।

 

 जांजगीर चाम्पा जिले के लछनपुर गांव मे गेंदे की फसल लेने वाला एक किसान मोहन लाल सतनामी के नवाचार की चर्चा पूरे जिले में है जिसने उद्यान विभाग की राष्ट्रीय कृषि योजना का लाभ लेकर अपनी खेत में धान की फसल के बजाए गेंदे की फसल ली। लछनपुर के किसान से बात करने पर पता चला कि उनकी खेतों में पैदावार कम होता है जिसके कारण धान आदि की फसल लेने से उनको काफी आर्थिक नुकसान हुआ । उद्यान विभाग की सलाह से उसने गेंदे के फूलों की फसल लगाकर फूलों की खेती की जिससे उसको बहुत लाभ मिला ।

 

जाहिर है त्यौहारी समय मे जहां नवरात्र त्यौहार की धूम अपने चरम पर है वहीं गेंदे के फूलों की भी बिक्री बढ जाती है जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है ।

 

किस माह में करें गेंदे के फूलों की खेती-

 

जांजगीर चाम्पा जिले की उद्यान विभाग की सहायक संचालक रंजना माखीजा ने बताया की गेंदे की खेती के लिए अप्रैल मई और उसके बाद अगस्त सितम्बर का माह ठीक रहता है जिसमें किसान खेतों को अच्छी तरह जोताई करके फूलों के बीज का रोपण करता है ।इसके लिए किसानों को आवश्यक जानकारी व सलाह सरकारी उद्यान विभाग से दिया जाता है ।

 

नवाचारी किसान बना लखपति-

 

लछनपुर का नवाचारी किसान मोहनलाल सतनामी ने गेंदे की खेती कर खर्च काटकर एक लाख रूपए से अधिक के फूलों की बिक्री की है जिससे नवाचारी किसान खुश है। नवाचारी किसान ने बताया की जन्मोत्सव विवाह या किसी भी समारोह मे गेंदे के फूलों की मांग सर्वाधिक रहती है। लोग गेंदे के फूलों को लेने और खरीदने के लिए खेतों तक पहुंच जाते हैं जिससे बिक्री आच्छी हो जाती है।

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