बोलता गांव डेस्क।।
क्या कभी किसी ने सोचा था कि सरकारी तौर पर गोबर की भी खरीदी होगी? शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि गोबर भी आम लोगों के जीवन में बदलाव आ सकता है। लेकिन ऐसा हुआ छत्तीसगढ़ में और इसे साकार कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने। छत्तीसगढ़ में गायों की महत्ता को समझने वाले सीएम भूपेश ने छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो की दर से प्रदेश के पशुपालकों से गोबर और 4 रुपए की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के लागू होते ही कई लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यहां गौठान समितियां आर्थिक रूप से सशक्त तो बन ही रही हैं, इसके साथ ही आम ग्रामीणों और गोधन की सेवा से जुड़े लोग भी आर्थिक रुप से समृद्ध हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को अब तक लगभग 439 करोड़ 73 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं को गोबर के एवज में 224 करोड़ 68 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 192.65 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।
महिलाओं के लिए वरदान बनी गोधन न्याय योजना
Women will Earn money to Godhan Nyay Yojana मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरू की गई छत्तीसगढ़ की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना ने अपनी शुरुआत के साथ ही प्रदेश में एक नई आर्थिक-समाजिक क्रांति का आगाज किया। इससे न केवल पशुपालक बल्कि प्रदेश की महिलाओं को भी आर्थिक मदद मिल रही है। गौठानों में खरीदी जा रही गोबर को वर्मी कंपोस्ट बनाने की जिम्मेदारी ग्रामीण इलाकों के स्व सहायता समूह की महिलाओं की दी गई है। इसके अलावा गौठानों में ही महिलाओं गोबर से दीपक, गोकाष्ट, पेंट जैसे उत्पाद बनाकर लाभ कमा रही है। भाटापारा में भेंट-मुलाकात के कडार गांव की रहने वाली महिला शीतला ठाकुर में सीएम भूपेश को बताया कि शीतला ठाकुर ने बताया कि उनके समूह ने अब तक 14 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया है। इससे 2 लाख 85 हजार का लाभ अर्जित किया।
गोबर से इमल्शन और डिस्टेंपर पेंट का निर्माण
गोधन न्याय योजना ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की आर्थिक आजादी के नए सोपान गढ़े हैं। योजना के तहत गौठानों में 200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गोबर खरीदी की जा रही है। गोबर का उपयोग जैविक खाद के अलावा गोबर से पेंट बनाने में किया जा रहा है। प्राकृतिक पेंट निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गाय के गोबर से पेंट निर्माण करने की इकाई राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की इकाई कोण्डागांव जिले के मर्दापाल रोड स्थित शहरी गौठान में 26 जनवरी 2023 को शुरू की गई है। यहां 3 महीने में ही 7 हजार 368 लीटर से अधिक पेंट का निर्माण किया जा चुका है। इकाई में स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं द्वारा गोबर से प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 17 लाख 43 हजार रुपए के 7 हजार 351 लीटर गोबर पेंट का विक्रय किया जा चुका है।
गोधन न्याय योजना के पैसे चरवाहे ने खरीदी जमीन
धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह के 61 वर्षीय चरवाहे मोहित ने गोबर बेचकर जमा की राशि से अपने जमीन खरीदने के सपने को पूरा कर लिया। गोबर से कण्डे बनाकर उसका उपयोग घरेलू ईंधन के तौर पर करने वाले मोहितराम यादव अब गोधन न्याय योजना के लागू होने से प्रतिदिन गोबर बेचकर महीने में लाखों रुपए कमा रहे हैं। वह रोजाना औसतन 50 किलोग्राम गोबर बेचा करते हैं, जिससे उनकी चरवाहे के काम के अतिरिक्त 100 रुपए प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। अब तक उन्होंने 550 क्विंटल गोबर बेचकर एक लाख 10 हजार रुपए की आय अर्जित की है। उन्होंने जमा पूंजी से गांव में ही 14 डिसमिल प्लॉट खरीदने का सौदा कर लिया। कल तक मुश्किल से जीवनयापन करने वाले यादव परिवार के जीवन में गोधन न्याय योजना ने खुशियों के नये रंग भरे हैं।
गोधन न्याय योजना को मिल चुके हैं कई अवार्ड
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी गोधन योजना को की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। इस योजना को कई बार राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुका है। स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च 2021 को नई दिल्ली में ’स्कॉच गोल्ड अवार्ड’ मिला था। इसके साथ ही एलेट्स एनोवेशन अवार्ड, 20वां कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया स्पेशल इंटरेस्ट गु्रप ई-गवर्नेंस अवार्ड 2022 भी इस योजना को मिला है। इसके साथ साथ लोकसभा में कृषि मामलों की स्थायी समिति ने सदन में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में गोधन न्याय योजना की तारीफ थी।