बोलता गांव डेस्क।। कोरोना की तीसरी लहर जिस तेजी से बढ़ी है उसी रफ्तार से खत्म भी हो जाएगी। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) के विशेषज्ञों ने एक गणितीय मॉडल के आधार पर इसकी भविष्यवाणी की है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोरोना के दोनों टीके लगा चुके लोगों के लिए तीसरी लहर की पीक जनवरी के आखिरी सप्ताह के शुरुआती दिनों में ही आ जाएगी। सबसे कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए तीसरी लहर का पीक फरवरी के पहले-दूसरे सप्ताह में आएगा।
विशेषज्ञों ने पिछली बार हो चुके कोरोना संक्रमण, टीकाकरण और कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को नए वैरिएंट के प्रति संवेदनशीलता के अलग मानदंड बनाए हैं। इसको 30%, 60% और 100% संवेदनशील लोगों की श्रेणी में रखा है।
इस गणितीय ग्राफ के मुताबिक यह तीसरी लहर 15 दिसम्बर 2021 से शुरू हो चुकी थी। इसकी शुरुआत इस मॉडल के प्रस्तावित ग्राफ से तेज हुई। अगले पांच दिनों में यह थोड़ा कम हुआ। 20 मरीज प्रतिदिन पर आया। उसके बाद फिर तेजी से बढ़ा। 25 दिसम्बर तक मरीजों की संख्या 150 के पार पहुंच गई थी। अभी रोज मिल रहे केस, इस मॉडल में प्रस्तावित केस से थोड़ी ही अधिक है।
इस मॉडल के मुताबिक 26-27 जनवरी को 30% संवेदनशील लोगों का पीक होगा। 60% संवेदनशील जनसंख्या के लिए पीक 29-30 जनवरी को आ जाएगा।
एक भी टीका नहीं लगवा पाए लोग, बुजुर्ग, बीमार और संक्रमण के प्रति अति संवेदनशील लोगों में से बीमारों की संख्या जनवरी में भी बढ़ती ही रहेगी। इस जनसंख्या में संक्रमितों का पीक 3-4 फरवरी को होगा। उसके बाद तेजी से संक्रमितों की संख्या घटेगी। अनुमान है कि तीन मार्च के बाद प्रदेश में कोरोना के मामले काफी कम हो जाएंगे।
जब भी आए पीक हमें तैयारी रखनी है
छत्तीसगढ़ में एपिडेमिक कंट्रोल विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा कहते हैं, यह मॉडल टीका लगवा चुके लोगों को महामारी के प्रति कम संवेदनशील मानकर गणना करता है। यह सही भी है। ऐसे लोग अगर बीमार भी पड़ रहे हैं तो उनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ रही है। इस मॉडल के हिसाब से पीक जनवरी के आखिरी सप्ताह से फरवरी के पहले सप्ताह तक आ जाएगा। यह जब भी आए हमें अपनी तैयारी रखनी है और विभाग तैयार है।
अभी ऐसी है टीका लगवा चुके लोगों की स्थिति
छत्तीसगढ़ में 18 साल से अधिक उम्र के एक करोड़ 96 लाख 51 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगना है। इनमें से एक करोड़ 93 लाख 71 हजार 666 यानी 99% लोगों को एक डोज लग चुकी है। करीब 67% यानी एक करोड़ 31 लाख 69 हजार 594 को टीके की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। 15 से 18 साल के जिन 16 लाख 39 हजार 811 बच्चों को टीका लगना शुरू हुआ है, उनमें से 54% को यह लगाया जा चुका। वहीं 1 लाख 15 हजार 167 लोगों को बूस्टर डोज भी लग चुकी।