बोलता गांव डेस्क।।
Diwali 2023 Laxmi Ganesh Puja Muhurat: दीपों के महापर्व दिवाली का इंतजार लोगों के बड़ी शिद्दत से होता है। प्रेम, जोश और उत्साह का ये पर्व अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है। लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और नए-नए कपड़े पहनकर पूरे परिवार संग लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते हैं।
इस बार दिवाली की डेट को लेकर थोड़ा सा मन में भ्रम हो गया है, कुछ लोगों का कहना है कि दिवाली इस बार 12 नवंबर को है तो कुछ लोग का मानना है कि इस बार ये त्योहार 13 नवंबर को है।
आज मनाई जाएगी दिवाली
तो चलिए आपका संदेह यहां पर दूर कर देते हैं। दरअसल कार्तिक मास की अमावस्या का प्रारंभ 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से हो रहा है जिसका समापन अगले दिन यानी कि 13 नवंबर को दोपहर 02:56 पर होगा, इस वजह से दिवाली का पर्व 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा, हालांकि इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के दो शुभ मुहूर्त हैं।
शुभ मुहूर्त
पहला शुभ मुहूर्त ( संध्या काल): 12 नवंबर को 05:39 PM- 07:35 PM तक
दूसरा शुभ मुहूर्त (निशिता काल): 12 नवंबर को 11:39 PM- 13 नवंबर को 12:32 AM
मालूम हो कि शुभ योग में पूजा करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत होता है और इंसान को धन वैभव की प्राप्ति होती है।
क्यों होती हैं मां लक्ष्मी और श्री गणेश की साथ में पूजा?
मान्यता है कि मां लक्ष्मी का स्वभाव चंचल प्रवृत्ति का है और वो एक स्थान पर टिकती नहीं हैं लेकिन भगवान गणेश, जो कि उनके पुत्र हैं, से वो बहुत प्रेम करती हैं और उन्हें वरदान प्राप्त है कि वो जहां भी रहेंगे मां लक्ष्मी वहां पर स्थाई रूप से रहेंगी इसी कारण दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी पूजा साथ-साथ होती है।
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥