कोरोना इफेक्ट:200 करोड़ रुपए का जरूरी सामान 4 साल में भी नहीं खरीद पाए विभाग Featured

कोरोना इफेक्ट:200 करोड़ रुपए का जरूरी सामान 4 साल में भी नहीं खरीद पाए विभाग News credit Dainik Bhaskar

बोलता गांव डेस्क।।

राजधानी में मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक होते ही प्रदेश के सरकारी विभागों में टेंडर से खरीदी रोक दी गई, क्योंकि सरकार ने कोरोना से निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए थे। 2022 में स्थिति सामान्य होने के बाद खरीदी शुरू हुई, लेकिन दर्जनभर विभाग ऐसे हैं, जहां जरूरी सामान की खरीदी की प्रक्रिया तक पटरी पर नहीं लौटी है।

 

श्रम विभाग जरूरी किट नहीं खरीद पा रहा है, समाज कल्याण विभाग में साइकिल खरीदी रुकी है, उरला में फायर ब्रिगेड का दफ्तर खरीदी नहीं होने से फंस गया है। श्रम विभाग ने तो खरीदी के बजाय जरूरी सामान के लिए पैसे श्रमिकों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करना ही शुरू कर दिए हैं।

 

श्रम कल्याण मंडल जरूरतमंदों को सिलाई मशीन, साइकिल, श्रम किट समेत कई सामान निशुल्क बांटता है। कोरोना की दस्तक के साथ ही सिलाई मशीन और साइकिल बांटना बंद किया गया। कोरोना काल के बाद श्रम मंडल में 109 करोड़ रुपए का सामान खरीदने की प्रस्ताव बनाया।

 

मंडल को कचरा बीनने के लिए सुरक्षा उपकरण, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, पेंटर, राजमिस्त्री किट समेत कुछ और सामान खरीदने थे। लेकिन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई। विभाग के आला अफसरों का कहना है कि अब श्रमिकों के आवेदन के आधार पर उनकी रकम खाते में ट्रांसफर की जा रही है।

 

इसी तरह, समाज कल्याण विभाग जिलों में कुल मिलाकर 10 हजार साइकिलें खरीदने वाला था। 45 करोड़ रुपए की योजना बन गई। सभी जिलों में एक रेट पर खरीदी हो, इसके लिए समिति भी बन गई लेकिन कुछ कंपनियां मामले को हाई कोर्ट में ले गईं। अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए खरीदी रोकनी पड़ी है।

 

केस-1 श्रम कल्याण मंडल, भवन निर्माण और असंगठित कर्मकार मंडल की ओर से श्रमिकों के लिए उपकरण किट, साइकिल और सिलाई मशीन की खरीदी होनी थी। तीन साल में 100 करोड़ की खरीदी का प्लान था पर रुका है।

 

केस- 2 उरला में नया फायर स्टेशन बनाने के लिए पिछले चार साल से 8 करोड़ उपकरणों की खरीदी का प्रस्ताव हर साल बजट में आ रहा है, लेकिन खरीदी नहीं हुई। कोरोना काल के बाद से इसका टेंडर ही नहीं किया जा सका।

 

केस- 3 पुलिस विभाग जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदने वाला था। 6 करोड़ रुपए से खरीदी का प्रस्ताव बना। दो कंपनियों को बुलाकर जैकेट का टेस्ट भी हो गया। लेकिन कोरोना काल के बाद से ही यह खरीदी नहीं हो सकी।

 

उरला में फायर स्टेशन का प्रस्ताव चार साल से पेंडिंग

बीरगांव नगर निगम बनने के बाद से ही नया फायर स्टेशन खोलने की घोषणा की गई। दो साल में इसके लिए जमीन तलाशी गई, फिर फायर स्टेशन के जरूरी उपकरण खरीदने के लिए 8 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बना दिया गया। यह खरीदी भी कोरोना के दौरान लगे बैन के प्रभाव में अा गई और फायर स्टेशन का प्लान फंस गया। इंडस्ट्रियल एरिया होने की वजह से यह फायर स्टेशन होना बेहद जरूरी है, लेकिन होम गार्ड विभाग अब तक यह सामान नहीं खरीद सका है।

 

रकम श्रमिक के खाते में

 

"श्रमिक अपनी जरूरत के अनुसार ऑनलाइन आवेदन करते हैं, इस आधार पर किट की राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जा रही है।"

-अमृत खलखो, सचिव-श्रम विभाग

 

निर्देश के बाद खरीदी

"सभी जिलों में एक रेट पर साइकिल खरीदी प्रक्रिया शुरू की और कंपनियां कोर्ट चली गईं। फैसला आने के बाद ही कार्रवाई होगी।"

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