बोलता गांव डेस्क।।
जशपुरनगर:
जिला प्रशासन, जय हो एवं रानी दुर्गावती फाउंडेशन संयुक्त तत्वधान में शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रौनी में बाल विवाह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी बच्चों को बाल विवाह, उसके दुष्परिणाम और बचवा के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही बच्चों को 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन के संबंध में जानकारी देकर जागरूक किया गया। इस दौरान रैली का आयोजन कर बाल विवाह को दूर कर शिक्षा का दीप जलाएं नारे के माध्यम से बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से लेकर रौनी चौक तक रैली का आयोजन कर नारे लगाते हुए ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जय हो टीम के जिला समन्वयक अनिल बघेल, मोहर सिंह शास्त्री, व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जय हो वॉलिंटियर एवं रानी दुर्गावती फाउंडेशन के टीम उपस्थित थे।
महासमुंद:
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहाँ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नहीं करते है, तो बालिक होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन के लिए जनप्रतिनिधियों नगरीय निकाय, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही किया जा सकता है।
कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि बाल विवाह के रोकथाम के लिए विशिष्ट जातियों का चिन्हांकन, ग्राम पंचायत स्तर पर विवाह पंजी का संधारण एवं पंजीयन, गांवों में कोटवारों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने के लिए मुनादी, जिले में आयोजित होने वाले सभी ग्राम सभाओं में बाल विवाह के रोकथाम के उपाय एवं बाल विवाह के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारें में चर्चा की जाए। ग्राम पंचायत एवं विकासखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम, प्रचार-प्रसार, सूचना तंत्र का प्रभावी होना एवं पुलिस थानों में किसी भी माध्यम से प्राप्त बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही किया जाए। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार कार्ययोजना तैयार कर पत्र के साथ सर्व संबंधितों को प्रेषित की गई है। कलेक्टर ने कहा है कि बच्चों के सर्वोत्तम हित में बाल विवाह की पूर्ण रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करते हुये कार्यवाही से महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुन्द को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।