देश में जल्द लगना शुरू होगी नेजल वैक्सीन, जानिए क्या होती है? इसकी जरूरत क्यों पड़ी? Featured

बोलता गांव डेस्क।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करने आए और अपने संबोधन में पीएम मोदी ने तीन बड़ी घोषणाएं की। पीएम मोदी ने कहा कि देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू होगा। साथ ही 10 जनवरी से हेल्थ वर्कर्स समेत करीब 3 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को 'प्रीकॉशन डोज' दी जाएगी। पीएम मोदी ने अपने करीब 14 मिनट के भाषण में एक घोषणा और की। पीएम ने कहा कि देश में बहुत जल्द पहली नेजल और डीएनए वैक्सीन की शुरुआत होगी। पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई हमेशा से ही वैज्ञानिक सिद्धांतों, वैज्ञानिक परामर्श और वैज्ञानिक पद्धतियों के आधार पर रही है।

नाक के जरिए दी जाएगी नेजल स्प्रे

आपको बता दें कि देश में अभी तक जो वैक्सीन लगाई जा रही है, वो इंजेक्शन के जरिए दी जाती है, लेकिन नेजल वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वो नाक के जरिए सीधा स्प्रे कर दी जाएगी। यह वैक्सीन नाक के अंदरूनी हिस्सों मे प्रतिरोधक क्षमता तैयार करेगी। माना जाता है कि यह तरीका बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ज्यादा कारगर है और इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं।

नेजल वैक्सीन के पीछे वैज्ञानिकों की राय

आपको बता दें कि नेजल वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ काफी असरदार भी माना गया है। हार्वर्ड के इम्युनोलॉजिस्ट जोस ऑर्दोवास मॉनटेन्स बताते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना बहुत जरूरी है। ऐसे में टीके को वहीं लगाना होगा जहां से वायरस शरीर में प्रवेश कर रहा है। जोस बताते हैं कि जो टीका हमें हाथ में लग रहा है वो उसमें मौजूद तत्त्वों को एंटीबॉडीज और टी-कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं के आसपास पहुंचाती हैं, लेकिन नाक के जरिए वैक्सीन का असर अधिक देखने को मिलेगा।

 
 
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