कोविड के बाद अब बढ़ रहे हैं H3N2 वायरस के मामले, IMA की सलाह- एंटीबायोटिक का न करें इस्तेमाल Featured

बोलता गांव डेस्क।।

मौसम में बदलाव के साथ देशभर में इन्फ्लूएंजा (फ्लू) की समस्या देखी जा रही है। इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पुष्टि की है कि राजधानी दिल्ली-एनसीआर सहित देश के ज्यादातर हिस्सों में H3N2 वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी देते हुए शनिवार को कहा कि कई मरीजों में तेज बुखार और लगातार खांसी सहित अन्य लक्षणों के साथ फ्लू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। एच3एन2 (H3N2) का संक्रमण इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण फैलता है, जो पांच से सात दिनों तक रहता है।

 

एसोसिएशन ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि यह मौसमी बीमारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के हालिया डेटा से भी पता चला है कि एच3एन2 – इन्फ्लूएंजा वायरस का एक उप-प्रकार है, जिसका पिछले दो-तीन महीनों से व्यापक प्रकोप है। आईएमए ने ट्विटर पर लिखा, “कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है।”

 

 

आईएमए के मुताबिक, “बुखार तीन दिनों में खत्म हो जाता है, जबकि खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है. डॉक्टरों को ऐसे रोगियों को एंटीबायोटिक्स देने से बचने की सलाह दी गई है।” आईएमए ने कहा कि मामले आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों में एच3एन2 का संक्रमण देखा जा रहा है। कुछ लोग बुखार के साथ ऊपरी श्वसन संक्रमण की भी रिपोर्ट कर रहे हैं। ‘वायु प्रदूषण’ भी इसका एक कारण हो सकता है। इसने चिकित्सकों को केवल रोगसूचक उपचार देने की सलाह दी, क्योंकि एंटीबायोटिक दवाओं की कोई जरूरत नहीं है।

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