महासमुंद: छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने लगातार प्रयास कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है, ताजा मामला महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के शासकीय हाई स्कूल जबलपुर का है,पिथौरा ब्लॉक के अंतिम छोर में बसे इस गांव में स्कूल तो खोल दिया गया है, मगर 4 साल बीत जाने के बाद भी शिक्षक की कमी से जूझ रहा है, व्यवस्था के रूप में महज एक ही शिक्षक की पदस्थापना हुई है जिससे पढ़ाई पूरी होना संभव नहीं है।
वही मीडिल स्कूल के शिक्षक, शिक्षा के बदहाल स्थिति को देखते हुए समय निकालकर एक, दो पिरेड पढ़ाने में सहयोग कर देते हैं, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों का भविष्य कितना उज्जवल होगा।ग्रामीण एवं पालक शिक्षक की मांग को लेकर शासन प्रशासन लगातार गुहार लगाते रहे,अंत में थक हारकर पालक और ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ दिया। स्कूल के ठीक सामने ही बच्चों के साथ पालक एवं ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं ,जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक धरने पर इसी तरह बैठे रहने की जिद पर अड़े हुए।
आपको बता दे कि महासमुन्द जिले में 1957 स्कूल हैं। जिसमे 1280 प्राथमिक शाला, 490 मीडिल स्कूल, 66 हाई स्कूल और 101 हायर सेकेंडरी स्कूल है। जिले के 100 से भी ज्यादा स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के बाबजूद कुछ शिक्षकों को जिला शिक्षा कार्यालय में अटैच कर रखा गया है। जो शिक्षके जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्त है वो सभी के सभी किसी नेता या किसी बड़े सरकारी पद में पदस्त लोगों के रिश्तेदार है