बोलता गांव डेस्क।।
जिला प्रशासन द्वारा दूरस्थ अंचल के आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा की सुविधा देने के लिए बेहतर कार्य कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, स्व-रोजगार के क्षेत्र में सार्थक कार्य किया जा रहा है। आज शिक्षा से बच्चों की तस्वीर बदल रही है और बच्चे अपना बेहतर भविष्य बना रहें हैं।
आदिम जाति विभाग के अंतर्गत् संचालित छात्रावासों को मॉडल छात्रावास के रूप में विकसित किया जा रहा है। कुनकुरी विकासखण्ड के आर्दश शासकीय पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास में 100 बालिकाएं सर्व सुविधायुक्त छात्रावास का रहकर उच्च शिक्षा ले रही हैं।
11वीं से स्नातक तक की बालिकाएं रहती हैं। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री बी.के.राजपूत के दिशा-निर्देश में बालिकाओं को घर जैसा माहौल मिले इसके लिए छात्रावासों को मॉडल छात्रावास के रूप में विकसित किया जा रहा है।
छात्रावास में बालिकाओं के भोजन करने के लिए डायनिंग टेबल-कुर्सी, कम्प्यूटर लैब, किचन गार्डन, फूल-पौधे लगाकर गार्डन तैयार किया गया हैै। बालिकाओं की सुरक्षा को देखते हुए सी.सी.टी.व्ही कैमरा भी लगाया गया है।
आदिम जाति विकास विभाग के अंतर्गत् संचालित छात्रावास में छात्रावास अधीक्षिका सुश्री देवकी सारथी ने बताया कि बालिकाओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। छात्रावास में महिला गार्ड, महिला स्वास्थ्य कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं और समय-समय पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है।
किचन गार्डन में तैयार सब्जियों का भी उपयोग भोजन में किया जाता है। इसके साथ ही दीवारों पर जशपुर के पारम्पारिक, सांस्कृतिक कला-कृतियों को भी चित्रण कर दर्शाया गया है। दीवारों पर सुन्दर श्लोक, सुचिवार और जिले व विकासखण्डों के अधिकारियों का नाम व संपर्क नम्बर भी अंकित किया गया हैं।