बोलता गांव डेस्क।।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मिले मंकीपॉक्स के संदिग्ध 13 साल के छात्र को करीब डेढ़ महीने पहले से ही स्किन इंफेक्शन था। छात्र का उसके कांकेर स्थित गांव में ही एक प्राइवेट क्लीनिक से उपचार कराया गया था। इसके बाद छात्र को आराम तो मिला, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था। फिर इसी माह 10 जुलाई को छात्र को रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ की संस्कृत पाठशाला में पढ़ने के लिए भेज दिया गया है। छात्र की सैंपल रिपोर्ट पुणे से दो दिन में आएगी, इसके बाद ही स्पष्ट होगा।
दूसरी ओर छात्र के चरामा विकासखंड स्थित गांव सहित प्रदेश भर में हड़कंप मचा हुआ है। छात्र के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला उसके गांव पहुंच गया। विभाग की स्पेशल टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही है। इस दौरान छात्र की मां, दादा और बहन के अलावा परिवार के अन्य सदस्य व आसपास के लोगों समेत कुल 13 लोगों की जांच की गई। हालांकि किसी में भी इस तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। गांव में बुधवार को स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया था और लोगों की घर-घर जाकर जांच की गई।
छात्र गांव में जिनसे मिला, उनकी भी हिस्ट्री जांच रहे
देर रात तक स्वास्थ्य विभाग की टीम आधे से अधिक गांव में पहुंच चुकी थी, लेकिन अब तक किसी में लक्षण नहीं मिले हैं। वहीं 28 जुलाई गुरुवार को हरेली त्योहार को देखते हुए टीम ने जांच रोक दी है। टीम के अनुसार अगर कोई ग्रामीण छूट गया होगा तो उसकी 30 जुलाई को फिर से जांच की जाएगी। छात्र अपने गांव में जिन लोगों से मिला है उनकी भी हिस्ट्री ली जा रही है। अब तक उनके सैंपल नहीं लिए गए हैं, लेकिन उनके सहित पास के गांव के लोगों के भी स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
डेढ़ माह पहले शरीर पर निकले थे लाल चकत्ते
छात्र गरीब परिवार का है। पिता की मृत्यु हो चुकी है। घर में मां के अलावा बहन और दादा रहते हैं। छात्र की मां ने उसे संस्कृत शिक्षा दिलाने इसी साल 10 जुलाई को रायपुर भेजा था। रायपुर जाने के डेढ़ माह पहले उसके शरीर में लाल चकत्ते पड़ गए थे। उसकी मां ने स्थानीय स्तर पर प्राइवेट क्लीनिक में जांच कराई थी। डाक्टर ने उसे दवाइयां लिखी थी, जिसे खाने के बाद उसे आराम मिला था, लेकिन इंफेक्शन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। परिजनों का कहना है कि रायपुर जाने के बाद फिर से वह उभर गया।
रायपुर में चार दिन पहले फिर शरीर पर दिखे लाल दाने
छात्र जैतूसाव मठ के छात्रावास में ही रहता है। चार दिन पहले उसके शरीर पर लाल दाने दिखाई दिए। सोमवार को उसे जिला अस्पताल के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में दिखाया गया। वहां मंकीपॉक्स संदिग्ध मानकर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज जाने को कहा। मंगलवार को उसे मेडिकल कॉलेज से संबद्ध डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में दिखाया गया। यहां शुरुआती जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को रोक लिया। उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। इसकी जानकारी राज्य स्तरीय सर्विलेंस टीम को दी गई।
कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं, लक्षण दिखें तो तत्काल करें सूचित
BMO चारामा ओपी शंखवार ने बताया गांव में कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। अब तक किसी में कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। छात्र की रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट होगा उसे किस चीज का इंफेक्शन है। छात्र की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह गांव से बाहर ही नहीं गया है। न ही उससे कोई मिला है। फिर भी अगर किसी ग्रामीण में कोई लक्षण दिखता है तो तत्काल सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें।