क्या आप भी सर्दियों में कम पानी पी रहे हैं? ये 5 लक्षण बता देंगे शरीर में हो रही है पानी की कमी Featured

हर मौसम में लोगों के खाने-पीने की आदतें बदल जाती है। सर्दियां आते ही लोग गर्मागरम चीजें खाने लगते हैं। चाय कॉफी की मात्रा ज्यादा लेने लगते हैं और पानी कम पीते हैं। ठंडा मौसम होने के कारण प्यास भी कम लगती है। यही कारण है कि लोग अपनी लिक्विड डाइट पर ध्यान नहीं देते हैं। सर्दी में प्यास कम लगती है इसका ये मतलब नहीं है शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। सर्दी में भी शरीर को उतना ही पानी चाहिए होता है। कम पानी पीने से आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। अगर आप कम पानी पी रहे हैं तो शरीर में ये लक्षण नजर आते हैं।

कम पानी पीने पर दिखते हैं ये लक्षण
सिर में दर्द- अगर आपको सिर में भारीपन या दर्द जैसा महसूस होता रहता है तो समझ लें कि आप पानी कम पी रहे हैं। शरीर में पानी की कमी से लगातार सिर में दर्द बना रहता है। शरीर में पानी कम होने से दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च की मानें तो शरीर में पानी कमी से सोचने और समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।

स्किन ड्राई होना- सर्दी के कम पानी पीने का एक और लक्षण है स्किन में ड्राईनेस बढ़ना। वैसे ठंड में त्वचा रूखी होना आम बात है, लेकिन ऐसा ज्यादा हो रहा है और त्वचा पर पपड़ी जैसी जम रही है तो ये पानी की कमी का कारण हो सकता है। लंबे समय तक पानी कम पीने वालों की त्वचा रूखी हो सकती है। सर्दियों में ये समस्या और बढ़ जाती है।

पेशाब ज्यादा पीला होना- अगर पेशाब का रंग बहुत ज्यादा पीला है। पेशाब कम आ रहा है। पेशाब के बाद जलन हो रही है तो समझ लें शरीर में पानी की कमी हो रही है। पानी कम पीने से यूरिन पर तुरंत असर पड़ता है। शरीर में पानी की कमी से पेशाब संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पेशाब का रंग गहरा पीला हो तो आपको तुरंत समझ लेना चाहिए कि कम पानी पी रहे हैं।

मुंह सूखना- अगर आपके होंठ ज्यादा फट रहे हैं। बार बार सूख रहे हैं या फिर गला सूख रहा है तो पानी की कमी हो रही है। मुंह में ड्राईनेस फील होने पर समझ लें कि शरीर में पानी की कमी होने लगी है। मुंह सूखने का मतलब है कि सलाइवेरी ग्लैंड में पानी की कमी के कारण सही मात्रा में स्लाइवा नहीं बन पा रहा है। ऐसे लक्षण दिखने पर पानी ज्यादा पीना शुरू कर दें।

दिल में भारीपन- लंबे समय तक शरीर में पानी की कमी रहने से खून की मात्रा पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हार्ट को खून की सप्लाई करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिससे दिल पर जोर पड़ता है और भारीपन महसूस होता है। कई बार चलने फिरने में हार्ट बीट तेज हो जाती है।

 

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Last modified on Saturday, 21 December 2024 11:14

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