बिहार जमीन सर्वे 2024 क्या है? जानिए खाता और खतियान के साथ इससे जुड़े तमाम उलझे हुए सवालों के आसान जवाब
Bihar Land Survey 2024: बिहार में भूमि सर्वेक्षण को लेकर नीतीश सरकार प्रदेश के सभी गांव में रैयतों को जागरूक करने में लगी है। उसके बाद भी जमीन सर्वे की कई बातों और जानकारी को लेकर लोगों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। हम आपको इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। इसमें बदलेन वाली जमीन, दान वाली जमीन और खतियान के साथ खाता से जुड़ी सभी जानकारी देंगे। हम आपको बता रहे हैं कि दरअसल ये सर्वे पूरी तरह से है क्या?
पटना: बिहार की राजधानी पटना सहित प्रदेश के तमाम इलाकों में सर्वे होना है। कई इलाकों में सर्वे को लेकर ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है। अभी तक सरकार की ओर से 23 हजार से ज्यादा ग्राम सभा का आयोजन किया जा चुका है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नीतीश सरकार की ये एक महत्वाकांक्षी योजना है। बिहार में भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) को लेकर तमाम छोटे-बड़े अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। बिहार सरकार पूर्व से ये मानती रही है कि बिहार में अपराध की घटनाओं का मुख्य कारण जमीन विवाद होता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने जनता दरबार में आने वाले आवेदनों से भी इसकी परख की। उन्हें पता चला कि हिंसा और हत्या की घटना के पीछे जमीन विवाद ज्यादा होता है।
सर्वे क्यों है जरूरी?
बिहार सरकार ने अब सर्वे के जरिए जमीन के असली मालिक की तलाश कर उसे उसकी जमीन के बारे में जानकारी देगी। उसका डिटेल सरकार के पास रहेगा। किसी तरह की विवाद की स्थिति नहीं होगी। चूकी सर्वे आजादी के पहले का है। इसी कारण कई जगहों पर विवाद होते हैं। जमीन को लेकर आपस में लोग उलझते हैं। बिहार भूमि सर्वे को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में कई जगहों पर पुराने खतियान पर काम चलाया जाता है। सर्वे का सबसे मुख्य उद्देश्य ये है कि पुराने खतियान की जगह नए खतियान को स्थापित करना। पुराना खतियान अपडेट करना। ये इसलिए क्योंकि जमीन की खरीद-बिक्री और पूर्व के मालिकाना हक वाले की मृत्यु के बाद इसमें बदलाव किया जाना जरूरी है। नए जेनरेशन के लोगों के बीच जमीन का बंटवारा होता है, तो और ज्यादा परेशानी होती है। इन सब कारणों से बिहार में भूमि विवाद ज्यादा होता है।