बड़ी ख़बर: गुजरात के कच्छ में 4.0 तीव्रता का भूकंप, कई इलाकों में महसूस हुए झटके Featured

बोलता गांव डेस्क।।

अहमदाबाद। गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। कई इलाकों में इसका असर देखने को मिला है। भूकंप का केंद्र भचाऊ से 21 किलोमीटर उत्तर उत्तर पूर्व में था। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

 

 

आईएसआर ने कहा कि भूकंप रविवार शाम 4:45 बजे दर्ज किया गया। इसका केंद्र भचाऊ से लगभग 21 किमी उत्तर, उत्तर-पश्चिम (एनएनडब्ल्यू) था। कच्छ के कलेक्टर अमित अरोड़ा ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार संपत्ति या जीवन को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

 

पिछले महीने भी आया था भूकंप

गुजरात के कच्छ जिले के रापर कस्बे के पास 8 दिसंबर की सुबह भी 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, कच्छ जिले के रापर से 19 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में सुबह करीब नौ बजे भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 19.5 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप का असर राजकोट में भी महसूस किया गया और किसी प्रकार के नुकसान की कोई जानकारी अभी तक नहीं मिली थी।

 

भूकंप वाला क्षेत्र है कच्छ

दरअसल भूकंप के लिहाज से कच्छ जिला बहुत उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। यहां कम तीव्रता के झटके नियमित रूप से आते हैं।

 

2001 में कच्छ में मची थी तबाही

2001 में आए एक बड़े भूकंप ने कच्छ जिले को हिलाकर रख दिया था। इससे कई कस्बे और गांव प्रभावित हुए थे। इस भूकंप त्रासदी में लगभग 13,800 लोग मारे गए थे और 1.67 लाख घायल हो गए।

 

बीते दिनों दिल्ली-एनसीआर, पंजाब सहित चंड़ीगढ़ और जम्मू कश्मीर में भूकंप से धरती कांप उठी थी। भूकंप के ये झटके काफी देर तक महसूस किए गए थे। जैसे ही भूकंप आया, लोग अपने घरों और दफ्तर से बाहर निकल आए। इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद में था। हिंदुकुश क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 रही। भारत में लगातार भूकंपों की संख्या बढ़ने के पीछे एक डराने वाला खुलासा हुआ है। तिब्बत के नीचे भारतीय टेक्टोनिक प्लेट फट रही है। जिसकी वजह से देश के पहरेदार हिमालय की ऊंचाई भी बढ़ रही है। एक नई स्टडी में यह जानकारी सामने आई है। हिमालय का निर्माण भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट के टकराव से हुआ था।

 

 

वैज्ञानिकों के नए विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशिन प्लेट के नीचे जा रही है। जिसकी वजह से यह फट रही है। लेकिन ऊपरी हिस्सा यानी यूरेशियन प्लेट ऊपर उठ रहा है और फैल रहा है। इसकी वजह से हिमालय की ऊंचाई बढ़ रही है। साथ ही हिमालयन बेल्ट के आसपास भूकंपों की संख्या बढ़ गई है।

Rate this item
(1 Vote)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

Samvad A
Samvad B

Post Gallery

पिथौरा में 5 साल के मासूम का अपहरण, चंद घंटे में किडनैपर गिरफ्तार

IED Bomb Defused : नक्सली साजिश नाकाम, सर्चिंग के दौरान सुरक्षा बलों ने किया IED बम डिफ्यूज

CAA को लेकर अब इस राज्य में गठित हुई समिति, इनकी होगी जांच

मसालों में मिला जहर? सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब नेपाल ने भी लगाया Everest और MDH पर प्रतिबंध...

बगडेगा में सीएम विष्णुदेव साय ने की जनसभा, VIDEO

CG Coal Transport Scam: अब न कोई गड़बड़ न घोटाला…छत्तीसगढ़ में फिर से ऑनलाइन ई-ट्रांजिट पास शुरु, सीएम विष्णुदेव साय ने लगाया कांग्रेस की योजना पर ब्रेक

हरियाणा में चुनाव प्रचार करेंगे छग बीजेपी के 11 नेता

अनियमित कर्मचारियों पर कसा शिकंजा : सामान्य प्रशासन विभाग ने शुरू की बर्खास्तगी मुहिम!

विराट कोहली ने संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा…