बीजापुर में नक्सलियों का बंद: जिला मुख्यालय एवं शहर की दुकानें खुली, ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत Featured

बोलता गांव डेस्क।।

 

 

बीजापुर। जिले में लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों ने बंद बुलाया है. बीजापुर में नक्सल बंद का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है. जिला मुख्यालय और भोपालपटनम में सभी जगहों पर दुकानें खुली हैं. नक्सलियों के बंद का असर आवापल्ली, उसूर, बासागुडा में देखने को मिला है. यहां लोगों ने नक्सलियों के डर से अपनी दुकानें बंद रखी है।

 

 

नक्सली बंद के चलते पुलिस ने दो दिन पहले शहर के व्यापारियों की बैठक ली और बंद को समर्थन नहीं देने की अपील की थी. जिसके चलते बीजापुर और भोपालपटनम की दुकानें आज खुली हुई हैं. लेकिन आवापल्ली में बंद का असर देखने को मिल रहा हैं. बंद के चलते अब तक यात्री बसें नहीं चल रही हैं. रास्ते में केवल एक-दो निजी वाहनों की आवाजाई हो रही है।

 

 

नक्सलियों ने बंद के दौरान बीजापुर के पुराना बस स्टैंड में पर्चा फेंका है. इन पर्चों में नक्सलियों ने लोगों से चुनाव बहिष्कार करने की अपील की है. यह पर्चा नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिवीजनल कमेटी ने फेंका है. बीजापुर पुराना बस स्टैंड में नक्सल पर्चा फेंका जाना जिला मुख्यालय बीजापुर में चर्चा का विषय बन गया है. कुछ इलाकों में वोटिंग को लेकर लोग डरे हुए हैं।

 

 

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

Samvad A
Samvad B

Post Gallery

नगरीय तथा ग्रामीण स्तर पर नोडल अधिकारी व सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त

दूल्हे ने शादी कार्ड में किया पीएम मोदी का प्रचार, चुनाव आयोग ने पुलिस से कर दी शिकायत

तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल से आज फिर मुलाकात करेंगे भगवंत मान

‘हसदेव बचाओ आंदोलन’ के संयोजक अलोक शुक्ला को ग्रीन नोबल अवार्ड : पर्यावरण के लिए संघर्ष कर रहे कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर…

Mahtari Vandana Yojana 2024: इस दिन जारी होगी महतारी वंदन योजना की तीसरी किस्त, करीब 655 करोड़ रुपए किए जाएगें ट्रांसफर

23 माओवादियों ने लोकतंत्र और संविधान में विश्वास जताया, किया आत्मसमर्पण

होम वोटिंग: घर-घर जाकर मतदान दल ने बुजुर्गों, दिव्यांगजनों से कराई होम वोटिंग

खुद फोन लगाकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कर रहे जनता से सीधी बात, ले रहे हैं फीड बैक

ED के अधिकारियों पर बढ़ते हमलों और धमकियों के बीच गृह मंत्रालय ने लिया ये फैसला