मानसून से पहले केंद्र सरकार ने धान समेत 23 फसलों की बढ़ाई एमएसपी Featured

बोलता गांव डेस्क।।

 

नई दिल्ली। मानसून के आगमन से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने धान सहित कई फसलों की एमएसपी बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक, धान की एमएसपी में 143 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह तुअर और उड़द दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बंपर इजाफा किया गया है।

 

इस खबर से किसानों के बीच खुशी की लहर है। किसानों ने केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना की है। कैबिनेट बैठक के बाद मोदी सरकार ने धान के साथ- साथ दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। खास बात यह है कि खरीफ फसलों की एमएसपी में 3 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

 

 

तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इजाफा किया गया है। इस तरह अब तुअर दाल का भाव बढ़कर 7000 रुपये क्विंटल हो गया। वहीं, उड़द दाल के न्यूनतम समर्थम मूल्य में 350 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब एक क्विटंल उड़द दाल का भाव 6950 रुपये हो गया है।

 

खास बता यह है कि मोटे अनाज की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने मक्के की एमएसपी में 128 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की है।

 

सरकार हर तय होती है फसलों के लिए एमएसपी

बता दें कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार हर साल 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। सीएसीपी 23 फसलों पर एमएसपी की सिफारिश जारी करता है। इसमें सात अनाज, पांच दलहन, सात तिलहन और चार कमर्शियल फसलें शामिल हैं. इन 23 फसलों में से 15 खरीफ फसलें हैं और शेष रबी हैं।

 

24.97 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था

बता दें कि धान की एमएसपी बढ़ाए जाने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के किसानों को अच्छा मुनाफा होगा। क्योंकि इन राज्यों में धान की अच्छी पैदावार होती है। अकेले पश्चिम बंगाल 54.34 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करता है, जिससे 146.06 लाख टन धान का उत्पादन होता है। खास बात यह है कि भारत सबसे अधिक बासमती चावल का निर्यात करता है। पिछले साल भारत ने 24.97 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

Samvad A
Samvad B