बोलता गांव डेस्क।।
प्रदेश में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है । इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने प्रशासनिक व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि धान खरीदी की कोई तैयारी धरातल पर नहीं दिख रही है । अफसर मंत्री बैठक कर रहे हैं मगर जमीनी स्तर पर तैयारियां अब तक दिखाई नहीं दे रही है।
शर्मा ने यह भी दावा किया कि अलग-अलग पटवारी हल्का में जिन किसानों के खेत है उनका भुगतान रोक दिया गया है। हर गांव में लगभग 25 किसान ऐसे होते हैं जिनका अलग पटवारी हल्का में खेत होता है। उदाहरण देते हुए संदीप शर्मा ने कहा जैसे हमारे गांव तर्रा में जिस किसान के खेत हैं, उसके पड़ोस के कोपरा खार में भी है। दोनों अलग-अलग पटवारी हल्के हैं। पूरे प्रदेश में 4000 पटवारी हल्का है। हजारों किसान इस वजह से परेशान हैं। ऐसा पहले प्रदेश में नहीं होता था। इस साल किया गया है। इस त्रुटि को दूर करना चाहिए।
पैसा केंद्र सरकार देती है
मंत्री अमरजीत भगत की ओर से 110 लाख टन धान खरीदी के बयानबाजी को आड़े हाथ लेते हुए किसान नेता संदीप शर्मा ने कहा कि धान की जितनी भी खरीदी हो रही है उसका समर्थन मूल्य में पूरा भुगतान केंद्र की मोदी सरकार करती है यहां तक कि बोरा, सुतली, तुलाई, स्टैकिंग, लोडिंग, शिफ्टिंग सब का पैसा केंद्र सरकार देती है, मंत्री जी को यह भी पता होना चाहिए कि पिछला जो रिकॉर्ड 98 लाख टन धान की खरीदी हुई है उसका वही पूरा समर्थन मूल्य का भुगतान केंद्र की सरकार ने किया है।
शर्मा ने सवाल किया कि मंत्री ये बताएं कि पंजीकृत रेगहा किसानों के पंजीकृत खाता में धान के बकाया राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है, और जिन किसानों के एक ही समिति अंतर्गत दो अलग-अलग पटवारी हल्का में जमीन है और जिसका पंजीयन है उन किसानों को अंतर राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है।
कर रहे हर व्यवस्था
भाजपा के इन सवालों पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि धान खरीदी की बेहतर ढंग से हो सके इसके लिए हर व्यवस्था की जा रही है। बारदाने की कमी ना हो यह भी देखी जा रही है। अधिकारियों से बैठक लेकर सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं । इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होगी।