बोलता गांव डेस्क।। बलरामपुर जिले के जंगलों और पहाड़ों के बीच छिपे हुए अंवराझरिया वाटरफॉल जनवरी महिने की शुरुआत में ही पुरी तरह से सुख गया है क्षेत्रिय पर्यटकों के लिए यह वाटरफॉल बहुत खास है, झरने का लुत्फ उठाने पहुंचे सैलानी यहां से निराश होकर लौट रहे हैं सैलानी अगर बहते हुए झरने को देखते तो अलग ही आनंद मिलता।
बारिश के पानी पर निर्भर है यह वाटरफॉल।
जिला मुख्यालय बलरामपुर से 6 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित यह झरना पुरे बलरामपुर रामानुजगंज जिले की पहचान है। आस पास के क्षेत्रों एवं दुसरे राज्यों से भी हजारों पर्यटक यहां घुमने आते हैं लेकिन अब इस वर्ष के शुरूआत में ही यह झरना पुरी तरह से सुख चुका है।
अंवराझरिया वाटरफॉल बारिश के पानी पर ही निर्भर है बरसात के मौसम में पानी से लबालब रहता है। पशु-पक्षियों के लिए यह झरना एकमात्र पीने के पानी का स्त्रोत था जो अब पुरी तरह से सुख गया है।
बारिश के मौसम में रहती है पर्यटकों की भीड़।
यह अंवराझरिया वाटरफॉल बारिश के पानी पर ही निर्भर है राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के किनारे ही स्थित है सड़क किनारे स्थित होने से यहां से गुजरने वाले लोग यहां वाटरफॉल का आनंद लेने के लिए रूक ही जाते हैं बारिश के मौसम में जब यह खुबसूरत वाटरफॉल चट्टानों से टकराते हुए नीचे गिरता है तो अलग ही उत्साह देखने को मिलता है बारिश के दौरान आस-पास के क्षेत्रों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं।