प्रगति महिला स्व-सहायता समूह
पुटीडीह ने 96 हजार 900 रूपए का -323 बोरी वर्मी कंपोस्ट खाद किसानों को बेचा,
किसानों को खाद के उपयोग का महत्व और गुणवत्ता की दी गई जानकारी,
रायपुर: जांजगीर-चापा
लॉकडाउन में भी गोठान से ग्रामीण महिलाओं को अतिरिक्त रोजगार मिल रहा है। गोठान ग्रामीण महिलाओं के लिए नियमित आय देने का साधन बन रहा है। जिले के डभरा विकास खंड के ग्राम पुटीडीह की प्रगति महिला स्व-सहायता समूह ने 96 हजार 900 रूपए की वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों को बेचकर आय अर्जित की।
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, घुरवा, गरवा और बारी से किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। जैविक खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद गौठान में तैयार किया जा रहा हैं। ग्राम पुटीडीह गौठान के प्रगति महिला स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किया गया -323 बोरी वर्मी कंपोस्ट खाद किसानों को विक्रय किया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार ने गौठान में निर्मित वर्मी कंपोस्ट खाद की कीमत 10 रूपये प्रति किलो निर्धारित की है। समिति द्वारा आकर्षक पैकिंग में 30 किलो का पैकेट तैयार किया है। प्रत्येक पैकेट को 300 रूपये की दर से बेचा गया। महिला स्व सहायता समूह मेहनत और लगन से खाद का उत्पादन बढ़ाकर अपनी आमदनी में वृद्धि हो रही हैं ।
इसी तरह जशपुर जिले के गोठान में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। आजीविका से निरंतर जोड़ा जा रहा हैं स महिलाएं खाद बनाने के साथ ही बकरी पालन ,गाय पालन ,और मुर्गी पालन कर रही है।
आदर्श गोठान बोकी में शान्ति स्वसहायता समूह के 10 महिलाओं को 10 इकाई बैकयार्ड कुक्कुट दिया गया है।
प्रत्येक इकाई की लागत 3000 है । जिसमें 2700 विभागीय अनुदान एवं 300 हितग्राही अंशदान के रूप में होता है। प्रत्येक इकाई में 1 माह के 45 चूजे एवं 10 किग्रा दाना आवश्यक दवाई दिया जाता है।यह चूजे शासकीय फार्म में उत्पन्न कर एक माह तक उसका पालन किया जाता है।जिसके तहत संपूर्ण टीकाकरण कृमि नाशक दवा पान करा कर वितरण किया जाता है।यह चूजा 3 माह में 1 किग्रा से 1.5 किग्रा वजन का हो जाता है। जिसमें समूह की महिलाएं 3 माह पालन कर रुपए 8000-10000 दस हजार तक आर्थिक लाभ अर्जित कर सकती है। समूह में 10 महिलाएं काम करती है । इनमें समूह की अध्यक्ष श्रीमती झरोखा ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा शान्ती समूह को चूजे उपलब्ध कराया गया । समूह की महिलाएं मुर्गी पालन से आर्थिक आमदनी अर्जित कर रही है। और अपने परिवार को सहायता करती है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.