छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं कोरोना मरीजों की बेहतर उपचार के लिए लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है और ये केवल बड़े शहरो तक सीमित नहीं है. बेहतर उपचार की सुविधा गाँव-गाँव तक पहुंचाई जा रही है. शायद यही करण है कि छत्तीसगढ़ ने अपने बिगड़ते कोरोना हालत को संभाल लिया है . छत्तीसगढ़ में कुछ दिनों से कोरोना के मामले भी कम होते दिख रहे हैं .
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में के 37 डेडिकेटेट शासकीय अस्पतालों और 154 कोविड केयर संेटरों में बिस्तरों की संख्या 21565 हैं जिसमें 6310 आक्सीजन बिस्तर है। राज्य के निजी अस्पतालों में कुल 6889 बिस्तर है जिनमें से 5346 आक्सीजन बिस्तर हैं। प्रदेश में शासकीय और निजी मिला कर कुल 9132 बिस्तर ऑक्सीजन सुविधा युक्त हैं। इन अस्पतालों में लगभग 14000 चिकित्सा कार्य में तथा लगभग 29000 सहायक के कार्य में सेवाएं दे रहे हैं। राज्य में 1002 वेंटिलेटर हैं जो 526 शासकीय अस्पतालों में और 476 निजी अस्पतालों में उपलब्ध हैं।
जांजगीर-चांपा जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार-
कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं कोरोना मरीजों की बेहतर उपचार के लिए लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है। जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए डीएमएफ मद से 30 वेंटिलेटर एवं 160 आक्सीजन कंसन्ट्रेटर क्रय का ओदश जारी किया गया है। एक सप्ताह में इनकी आपूर्ति होने के बाद मरीजों को इसका लाभ मिलना प्रारम्भ हो जाएगा।
जिले में अब तक 160 आक्सीजन कंसन्ट्रेटर में से 40 कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति हो चुकी है। इसका लाभ भर्ती मरीजों को मिल भी रहा है।नार्मल बेडों की संख्या -296 से बढ़कर- 1253 हो गई है। वही 02 बेड की संख्या 107 से बढ़कर 224, एचडीयू 18, आईसीयू -10, वेंटिलेटर की संख्या 2 से बढ़कर -10 हो गई है।
है। दिसंबर 2018 में उक्त बेडों की संख्या- 303 थी जो5 मई 2021की स्थिति में पांच गुना बढ़कर -1515 हो गई है। इससे मरीजों का बेहतर ईलाज संभव हो पा रहा
गरियाबंद जिला-
गरियाबंद जिला चिकित्सालय में नए एंबुलेंस के साथ ही ऑक्सीजन बेड की सुविधा में विस्तार किया गया है
जिले में अब 90 आक्सीजनयुक्त बेड हो गये हैं। अब डेडिकेटेड हॉस्पिटल लाइवलीहुड कॉलेज में 50 बिस्तर आक्सीजन युक्त हो गए हैं, वही कोविड केयर सेंटर पॉलिटेक्निक में 30 बिस्तर को सेंट्रल लाइन ऑक्सीजन से जोड़ा गया है। जिला चिकित्सालय में 10 बिस्तर को ऑक्सीजन युक्त बनाया गया है। मरीजों के बेहतर इलाज के लिए पांच वेंटिलेटर और पांच आईसीयू बेड के लिए भी प्रयास जारी है।
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